अमृतसर: अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कंगना रनौत द्वारा अपनी आगामी विवादास्पद फिल्म ‘इमरजेंसी’ में सिख छवि को अलगाववादी के रूप में चित्रित करने पर कड़ा संज्ञान लिया है. श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सिख कभी भी फिल्मों में अपने शहीदों और शहीदों की नकल बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत की आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ ने 20वीं सदी के सिखों के चरित्र को विकृत किया है।
जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने कहा कि एक तरफ सरकार ने मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा के जीवन पर बनी फिल्म को रिलीज करने की अनुमति नहीं दी है, जिन्होंने 1980-90 के दशक के दौरान फर्जी पुलिस मुठभेड़ों में हजारों सिख युवाओं की हत्या करने और उन्हें अज्ञात शव बताकर उन्हें क्षत-विक्षत करने की अमानवीय प्रथा का पर्दाफाश किया था। हालांकि 1947 के बंटवारे के बाद भारतीय शासकों द्वारा सिखों के साथ किए गए अन्याय और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले सिखों के बदले में भारत सरकार ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ को मंजूरी दे दी जो जून 1984 में श्री दरबार साहिब पर हुए बर्बर हमले के संदर्भ की अनदेखी कर सिख समुदाय के बारे में गलत तथ्य पेश करती है।
उन्होंने कड़े लहजे में कहा, ‘अगर सरकार तुरंत फिल्म ‘इमरजेंसी’ से आपत्तिजनक दृश्यों को नहीं हटाती है और सिखों की इतिहास और छवि को गलत तरीके से पेश करती है तो किसी भी परिणाम के लिए सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार होगी।