चंडीगढ़- 21 अगस्त को हरियाणा की राज्यसभा सीट के लिए नामांकन का आखिरी दिन है। इससे पहले भी राज्य की सियासत में हलचल मची हुई है. हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं विधायक किरण चौधरी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
मंगलवार को उन्होंने चंडीगढ़ में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को अपना इस्तीफा सौंपा और विधानसभा अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. ऐसे में अब यह साफ हो गया है कि वह बीजेपी की ओर से राज्यसभा उम्मीदवार होंगी. बड़ी बात यह है कि उनका निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है.
जानकारी के मुताबिक, कभी मशहूर कांग्रेस नेता रहीं किरण चौधरी भिवानी से तोशाम विधायक थीं। वह हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई हैं. उनकी बेटी को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था जिसके बाद उन्होंने बगावत कर दी और कांग्रेस को अलविदा कह दिया.
सूत्रों का कहना है कि वह शर्तों के साथ भाजपा में शामिल हुईं। बीजेपी में शामिल होने से पहले ही उन्होंने पार्टी से कहा था कि वह राज्यसभा जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी बेटी के लिए टिकट भी मांगा है.
किरण की जीत लगभग तय है
दरअसल, हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के पास सिर्फ 28 विधायक हैं. इसके साथ ही बीजेपी के पास 41 विधायकों और दो अन्य विधायकों का समर्थन है. इसके साथ ही जेजेपी के पास 10 विधायक हैं, लेकिन उनके पांच विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं. हरियाणा कांग्रेस के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पहले ही कह चुके हैं कि उनके पास संख्याबल नहीं है और इसलिए वह राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेंगे.
ऐसे में माना जा रहा है कि किरण चौधरी राज्यसभा जाएंगी. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा की जीत के बाद यह सीट खाली हो गई थी. दूसरी ओर, कुलदीप बिश्नोई भी राज्यसभा जाने के इच्छुक थे और उन्होंने टिकट के लिए प्रयास किया लेकिन किरण चौधरी हार गईं।
कल नामांकन का आखिरी दिन है वहीं, राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त है और किरण चौधरी बुधवार को नामांकन दाखिल करेंगी. ऐसे में अगर अगले 28 घंटों में विपक्ष की ओर से कोई नामांकन दाखिल नहीं किया गया तो किरण चौधरी निर्विरोध सांसद बन जाएंगी.
उधर, मंगलवार को चंडीगढ़ में बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई है. शाम 4 बजे मुख्यमंत्री आवास पर बैठक होगी और इसमें सीएम नायब सैनी के अलावा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली भी मौजूद रहेंगे. विधानसभा चुनाव और राज्यसभा चुनाव की घोषणा के बाद पहली विधायक दल की बैठक होने जा रही है, जिसमें दोनों चुनावों की रणनीति बनाई जाएगी.