केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत 188 पाकिस्तानी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता प्रदान की। इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित भी किया। शाह ने कहा कि इस क्षण से उन लोगों को बड़ी राहत मिली है, जिन्होंने पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से बचने के बाद भारत में शरण ली है। सरकार पड़ोसी देशों के हिंदुओं, जैनियों, बौद्धों और सिखों सहित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है। हम 2019 में सीएए लाए थे। सीएए करोड़ों हिंदुओं, जैनियों और सिखों को नागरिकता प्रदान करेगा।
मैं इन परिवारों को बधाई देता हूं जिन्हें नागरिकता मिली है। मैं और भी खुश हूं कि यह गुजरात में हो रहा है। सीएए लोगों को उनके अधिकार और न्याय दिलाने की एक पहल है। कांग्रेस पार्टी ने 2014 तक लोगों को उनका अधिकार नहीं दिया था। गुजरात सरकार ने सीएए के तहत अब तक अहमदाबाद जिले के 1,167 लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान की है।
सीएए के ऐतिहासिक संदर्भ का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि करोड़ों भारतीय धर्म के आधार पर विभाजन के दौरान आई समस्याओं को नहीं भूल सकते। कांग्रेस ने अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए लोगों को नागरिकता नहीं दी। हमारा इतिहास इसे हमेशा याद रखेगा। सीएए इन लोगों की सुरक्षा के लिए है। इससे पहले भी कई लोगों को इस कानून के खिलाफ भड़काया गया था। किसी को भी अपनी नागरिकता नहीं छोड़नी पड़ेगी। आपकी नौकरी, घर और नागरिकता सुरक्षित है। अमित शाह ने कहा कि सीएए को लेकर मुसलमानों को भड़काया गया। मैं अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों को स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि उन्हें नागरिकता देने के लिए है।