पंजाब सरकार ने राज्य में पंजीकृत पर्यटक वाहनों पर कर कम करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। दरअसल, पंजाब के परिवहन विभाग ने दिलराज सिंह संधेवालिया की देखरेख में एक कमेटी का गठन किया था, जिसमें डिप्टी कंट्रोलर आलोक प्रभाकर, स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी पंजाब के सचिव रणप्रीत सिंह, रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर होशियारपुर रविंदर सिंह शामिल थे। टैक्सी यूनियन से कई बार मुलाकात करने के बाद परिवहन विभाग ने इसे वित्त विभाग के माध्यम से कैबिनेट के पास भेजा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
कैबिनेट ने रजिस्टर्ड टूरिस्ट व्हीकल पर मोटर व्हीकल टैक्स घटा दिया है। सूत्रों के मुताबिक पंजाब का टैक्स पड़ोसी राज्यों में रजिस्टर्ड गाड़ियों पर लगने वाले टैक्स से ज्यादा था। इसलिए पंजाब में पर्यटक वाहनों का रजिस्ट्रेशन बहुत कम था। इस कदम से वार्षिक राजस्व में 100 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी और अधिक पर्यटक वाहन पंजीकृत होंगे। टैक्सी यूनियन लंबे समय से टूरिस्ट वाहनों पर टैक्स कम करने की मांग कर रही थी। जिसे अब सरकार ने स्वीकार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक़, पंजाब के टैक्स स्लैब में 13 सीट से अधिक की गाड़ियों से 7825 हज़ार रुपये सालाना की दर से वसूली जाती है, जो पंजाब सरकार के टैक्स कलेक्शन के घाटे का मुख्य कारण है।
यह टैक्स अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा है, जबकि चंडीगढ़ में टैक्स 200 रुपये प्रति सीट प्रति सीट और हिमाचल प्रदेश में टैक्स 1000 रुपये प्रति सीट प्रति सीट है। अगस्त 2023 में एमपी परिवहन विभाग ने टैक्स को 700 रुपए प्रति सीट से घटाकर 200 रुपए प्रति सीट कर दिया। पंजाब में कई वर्षों से 13 से अधिक सीटों वाले वाहनों के पंजीकरण में गिरावट आ रही है, जिसका मुख्य कारण वाहन पर उच्च पंजाब कर है। अब सरकार ने रजिस्ट्रेशन कराने वाले टूरिस्ट व्हीकल पर लगने वाले टैक्स को कम कर दिया है।