
30 जुलाई 2025 को लद्दाख के गालवान घाटी के चारबाग (दुर्बुक क्षेत्र) में सेना के वाहन पर एक विशाल चट्टान गिर गई। इस दुर्घटना में लेफ्टिनेंट कर्नल भानू प्रताप सिंह मनकोटिया (पठानकोट निवासी, उम्र 33 वर्ष) और लांस डफादार दलजीत सिंह (गुरदासपुर) वतन के प्रति अपने फर्ज में सर्वोच्च बलिदान देने वालों में शामिल हो गए। वहीं तीन अन्य अधिकारी—मे. मयंक शुभम, मे. अमित दीक्षित और कैप्टन गौरव—गम्भीर रूप से घायल हुए और उन्हें इलाज के लिए लेह अस्पताल ले जाया गया।
अंतिम संस्कार में पूरी सैन्य गरिमा के साथ:
- तिरंगे में लिपटी देह को फूलों भरी सैन्य वाहन से अंतिम संस्कार स्थल तक पहुंचाया गया।
- शस्त्र उल्टे कर गोलियाँ चलाना, बिगुल की धुन, गार्ड ऑफ ऑनर जैसे विधि-विधान पूरे किए गए।
- पश्चिमी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल एमके कटियार, Northern Command के GOC लेफ्टिनेंट जनरल दविंदर शर्मा, लेफ्टिनेंट जनरल आर पुष्कर समेत उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
जब शहीद के भाई मेजर शौर्य प्रताप सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी, तो पूरे श्मशान घाट पर “भारत माता की जय, लेफ्टिनेंट कर्नल भानू प्रताप अमर रहें” जैसे जयघोष गूंजे।