
प्रधानमंत्री के आदमपुर एयरबेस पहुंचने के दिन जालंधर सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा की सुरक्षा और सरकारी गाड़ी (जिप्सी) वापस लेने की घटना ने राजनीतिक गर्माहट पैदा कर दी है। हालांकि सरकारी स्तर पर इस कदम के कारण की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह कदम पंजाब की राजनीति में नई चर्चाओं का केंद्र बन गया है।
भाजपा में शामिल होने की चर्चा
सूत्रों के अनुसार रमन अरोड़ा के भाजपा में शामिल होने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं। भाजपा के आंतरिक सूत्रों के अनुसार, उन्हें भाजपा में शामिल करके उनके पसंदीदा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ाने का भी वादा किया गया है। बताया जा रहा है कि रमन अरोड़ा को दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में भर्ती करने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि, जांच में पता चला कि उक्त भाजपा नेता शहर में ही मौजूद है और उसका रमन अरोड़ा से कोई संपर्क नहीं हुआ है।
कालिया-राठौड़ की गुप्त बैठक की चर्चा
इस बीच चर्चा यह भी है कि भाजपा नेता मनोरंजन कालिया और संभावित प्रत्याशी राकेश राठौर के बीच गुप्त बैठक हुई है, जिसका मकसद रमन अरोड़ा को भाजपा में शामिल होने से रोकना था। दोनों नेताओं ने इस चर्चा से इनकार करते हुए इसे “कोरी अफवाह” बताया।
भाजपा में आंतरिक कलह
एक युवा भाजपा नेता ने दावा किया कि रमन अरोड़ा जल्द ही पार्टी में शामिल होंगे, हालांकि अभी आधिकारिक तारीख तय नहीं हुई है। इस वैचारिक भ्रम ने भाजपा के पारंपरिक कार्यकर्ताओं में असंतोष पैदा कर दिया है। उनका मानना है कि पार्टी अपने मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर रही है और बाहर से आये “उधार नेताओं” को प्राथमिकता दे रही है।
विधायक के खिलाफ जांच की संभावना
सूत्रों के अनुसार रमन अरोड़ा के खिलाफ कुछ वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें सरकार के पास दर्ज की गई हैं, जिसके चलते उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है। यह भी कयास लगाया जा रहा है कि विजिलेंस उनके खिलाफ जांच शुरू कर सकती है।
सोशल मीडिया पर भाजपा की नीति पर सवालिया निशान
सुरक्षा वापस लिए जाने और रमन अरोड़ा के भाजपा में शामिल होने की संभावना से सोशल मीडिया पर भी चर्चा छिड़ गई है। कार्यकर्ता पार्टी की पंजाबी रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं। पार्टी के भीतर आंतरिक असंतोष को नियंत्रित करने के लिए अभी तक कोई पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं।