पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश, डायबिटीज मरीज़ के पेंशन को नहीं किया जा सकता इनकार

पंजाब : सैनिकों को राहत प्रदान करते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि सैन्य सेवा के दौरान जब तक इस बात का सबूत नहीं है कि एक सैनिक खराब खान-पान और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण मधुमेह (डायबिटीज) का शिकार हुआ है, तब तक तक सेना से छुट्टी पर अधिकारी चिकित्सा के आधार पर सैनिक विकलांगता पेंशन से इनकार नहीं कर सकते.

यह मामला सैनिक विकलांगता पेंशन का है इस मामले में टाइप 2 मधुमेह से चिकित्सा श्रेणी में सेवा से छुट्टी पाने वाले एक सैनिक को विकलांगता पेंशन देने से इनकार कर दिया था. इस मामले पर हाई कोर्ट ने कहा है कि जब तक इस बात का सबूत नहीं मिलता कि सैनिक ने प्रतिबंधित भोजन खाया था या कभी शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं हुआ, तब तक उक्त कारणों को वर्तमान प्रतिवादी पर तय नहीं किया जा सकता. कहा गया कि ये अदालत मेडिकल बोर्ड की राय को महत्व देने के लिए बाध्य नहीं है. हाई कोर्ट ने कहा कि बीमारी की शुरुआत को पूर्ववर्ती आनुवंशिक पारिवारिक इतिहास की अगली कड़ी नहीं कहा जा सकता.

केंद्र की याचिका को किया खारिज:

हाई कोर्ट ने केंद्र द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए इस आदेश को पारित किया. इसमें एएफटी चंडीगढ़ द्वारा पारित अप्रैल 2022 के आदेशों को रद्द करने के निर्देश देने की मांग की गई थी. इसके तहत चेतन मलिक के दावे को विकलांगता पेंशन के अनुदान के लिए अनुमति दी गई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *