पंजाब मंत्रिमंडल ने कांग्रेस के चार मंत्रियों के खिलाफ सतर्कता मामलों में अदालती कार्यवाही को मंजूरी दे दी है और मामले को अंतिम मंजूरी के लिए 23 अगस्त को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां पहले ही तीन विधायकों और पूर्व विधायकों के खिलाफ अदालती कार्यवाही के लिए मंजूरी दे चुके हैं, जबकि चार पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अदालतों में मुकदमा शुरू करने की मंजूरी लंबित है।
विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्व मंत्रियों भारत भूषण आशु, सुंदर शाम अरोड़ा, साधु सिंह धर्मसोत और ओपी सोनी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मामले दर्ज किए हैं। विजिलेंस ने इन चार पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अदालतों में चालान पेश किए हैं, लेकिन कोर्ट में ट्रायल तभी शुरू होगा जब राज्यपाल कैबिनेट की सिफारिश पर इन पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अदालती कार्यवाही शुरू करने की अंतिम मंजूरी दे देंगे।
उल्लेखनीय है कि विधायकों और पूर्व विधायकों के खिलाफ अदालती कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दी जाती है, जबकि मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों के खिलाफ मंजूरी राज्यपाल द्वारा अनुच्छेद 19 के तहत कैबिनेट की सिफारिश पर दी जाती है क्योंकि शपथ राज्यपाल द्वारा मंत्रियों को दिलाई जाती है। पता चला है कि मुख्यमंत्री 23 अगस्त को राज्यपाल को फाइल भेजेंगे। विजिलेंस ने स्वीकृत मामलों को काफी समय पहले शासन को भेज दिया था।
पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष ने विधायक अमित रतन, पूर्व विधायक सत्तार कौर गाहिड़ी और किकी ढिल्लों के खिलाफ अदालत की कार्यवाही को मंजूरी दी थी। पूर्व विधायक मदन लाल जलालपुर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। कैबिनेट ने उपरोक्त चार पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अदालती कार्यवाही को भी मंजूरी दे दी है और अब गेंद राज्यपाल के पाले में है।