
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने राज्य की जेलों में सुरक्षा और अनुशासन को मजबूत करने के उद्देश्य से एक अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में **‘जेल ट्रांसफर एक्ट’** को मंजूरी दी गई। इस कानून का मकसद जेलों में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
नए कानून के प्रमुख प्रावधान
– अगर कोई कैदी जेल में दंगा-फसाद करता है या अवैध रूप से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता है, तो उसे 7 साल तक की सजा और 50,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
– बार-बार अपराध करने पर 10 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
– कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले कैदियों को दूसरी जेलों में ट्रांसफर करने की भी सुविधा होगी, जिससे जेलों में संगठित अपराध को खत्म किया जा सके।
जेलों की सुरक्षा होगी मजबूत
कैबिनेट द्वारा जेलों की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निगरानी प्रणाली और स्मार्ट जैमर लगाने का भी निर्णय लिया गया है। इसके जरिए जेलों में हो रही अवैध गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
राज्य सरकार का मानना है कि इस कानून के लागू होने से जेलों में अनुशासन कायम रहेगा, गैंगस्टर नेटवर्क खत्म होगा और कैदियों के पुनर्वास को बढ़ावा मिलेगा। पंजाब सरकार जल्द ही इस एक्ट को विधानसभा में पेश करेगी, जिसके बाद इसे राज्य में लागू किया जाएगा।