
🔹 दिन और तिथि:
• दिन: सोमवार (Monday)
• तिथि: द्वितीया तिथि (शुक्ल पक्ष)
• मास: चैत्र माह (विक्रम संवत 2082)
• नक्षत्र: रेवती नक्षत्र
• योग: शुभ योग
• करण: बालव करण
• पक्ष: शुक्ल पक्ष
🔹 सूर्योदय और सूर्यास्त का समय:
• सूर्योदय: 06:28 AM
• सूर्यास्त: 06:33 PM
🔹 चंद्रमा की स्थिति:
• चंद्रमा मीन राशि में रहेगा।
🔹 शुभ मुहूर्त (Auspicious Timings):
• अभिजीत मुहूर्त: 12:05 PM से 12:55 PM तक
• गोधूलि मुहूर्त: 06:18 PM से 06:42 PM तक
• अमृत काल: 05:05 AM से 06:40 AM तक
• ब्रह्म मुहूर्त: 04:50 AM से 05:40 AM तक
🔹 अशुभ मुहूर्त (Inauspicious Timings):
• राहु काल: 07:30 AM से 09:00 AM तक
• यमगंड काल: 10:30 AM से 12:00 PM तक
• गुलिक काल: 01:30 PM से 03:00 PM तक
• दूषित समय: इस दिन किसी भी प्रकार के अशुभ कार्यों से बचना चाहिए।
🔹 व्रत और त्योहार:
• चैत्र शुक्ल द्वितीया: इस दिन व्रत रखने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
• सोमवार व्रत: भगवान शिव को समर्पित दिन होने के कारण भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और शिव जी की पूजा करते हैं।
• गौरी तृतीया व्रत (कुछ क्षेत्रों में): यह माता पार्वती को समर्पित व्रत है, जिसे सुहागिन महिलाएं रखती हैं।
🔹 ग्रह स्थिति (Planetary Positions):
• सूर्य: मीन राशि में
• चंद्रमा: मीन राशि में
• मंगल: कुंभ राशि में
• बुध: मीन राशि में
• गुरु: मेष राशि में
• शुक्र: कुंभ राशि में
• शनि: कुंभ राशि में
• राहु: मीन राशि में
• केतु: कन्या राशि में
🔹 दिन विशेषता:
• सोमवार होने के कारण यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, और महामृत्युंजय जाप करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
• इस दिन शिवलिंग पर दूध, जल, बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
🔹 क्या करें और क्या न करें?
✅ क्या करें?
• भगवान शिव की पूजा करें और ओम नमः शिवाय का जाप करें।
• सफेद वस्त्र धारण करें और दूध से बनी चीजें दान करें।
• जरूरतमंदों को भोजन कराएं और धार्मिक कार्यों में भाग लें।
• अभिजीत मुहूर्त में कोई भी नया कार्य शुरू कर सकते हैं।
❌ क्या न करें?
• राहु काल में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत न करें।
• क्रोध और वाणी पर संयम रखें।
• नशा और मांसाहार का सेवन न करें।
• सूर्यास्त के बाद किसी को दूध या चावल दान न करें।
🔹 निष्कर्ष:
17 मार्च 2025 का दिन शुभ योग और रेवती नक्षत्र के कारण विशेष रूप से उत्तम रहेगा। भगवान शिव की पूजा और सोमवार व्रत करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। जो लोग किसी नए कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं, वे अभिजीत मुहूर्त में इसे कर सकते हैं। लेकिन राहु काल और अशुभ समय में कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें।